कविता चीज़ क्या है ,
आज तक समझ पाई नहीं मैं,
मगर जब इसका आभास हुआ,
कि कविता व्यक्ति की वो भावनाएँ हैं,
जो उसके मन को हमेशा उद्वेलित करती रहती हैं!
तो सच मानो उन अनुभूतियों के तले,
में भी दबती ही चली गई ,
तब मैंने अपने मन की गहराइयों में हो रहे,
तो द्वन्द युद्ध का शांतिपूर्वक विचरण किया ,
मुझे एक अभूतपूर्व आभास हुआ,
और मेरे मन ने कहा की लिख दूँ ,
कहीं इन सभी भावनाओं को !
तो बस क्या था मन की गहराइयों ने,
दिमाग का साथ दिया और हाथो ने,
कागज़ पर कुछ लिखने के लिए,
कलम का साथ दिया !
उसी क्षण मेरी सभी भावनाओं ने ,
उस कागज़ पर लिखित रूप ले लिया,
और देखते ही देखते एक सुंदर,
कविता ने अपना रूप ले लिया!
उसी दिन से मेरी ये दुविधा,
समाप्त हो गई की- कविता चीज़ क्या है-2
----बहुत सुन्दर कविता, बधाई--
ReplyDeleteगीत का गीत --- डा श्याम गुप्त का गीत....
गीत भला क्या होते हैं ,
बस एक कहानी है ।
मन के सुख -दुख ,
अनुबन्धोंकी-
कथा सुहानी है ।
भीगे मन से
सच्चे मन की,
कथा सुनानी है।....गीत भला क्या...॥
कहना चाहे
कह न सके मन,
सुख-दुख के पल न्यारे,
बीते पल जब देते दस्तक,
आकर मन के द्वारे।
खुशियों की मुस्कान
औ गम के,
आंसू की गाथा के;
कागज़ पर ,
मन की स्याही से-
बनी निशानी है ।---गीत भला.....॥
कुछ बोलें या-
चुप ही रहें;
मन यह द्वन्द्व समाया ।
अन्तर्द्वन्द्वों की अन्तस में
बसी हुई जो छाया ।
कागज़ -कलम
जुगल बन्दी की
भाषा होते हैं ।
अन्तस की हां-ना, हां-ना की
व्यथा सुहानी है । ---गीत भला....॥
चित में जो
गुमनाम खत लिखे,
भेज नहीं पाये ।
पाती भरी गागरी मन की,
छ्लक छलक जाये ।
उमडे भावों के निर्झर को
रोक नहीं पाये :
भाव बने
शब्दों की माला,
रची कहानी है ।
गीत भला क्या होते हैं,
बस एक कहानी है ।
मन के सुख-दुख,
अनुबन्धों की -
व्यथा सुहानी है ॥