Thursday, October 7, 2010

नन्ही परी!

अपने छोटे से परिवार कि, मैं एक नन्ही सी कली हूँ,
अपने माता-पिता के प्यार तलें, आज तक मैं पली बढ़ी हूँ !

देखा है अँधेरा और रौशनी के साथ भी चली हूँ,
थोड़ी सी जिद्दी ज़रूर हूँ ,लेकिन दिल कि मैं भली हूँ!

मैं हूँ विश्वास अपने माता-पिता का,
उनके दिए संस्कारों पर चलते हुए ही, आज तक मैं आगे बढ़ी हूँ !

आज मंजिल सामने है मेरी और मैं कुछ फासलों पर खड़ी हूँ,
यूँ तो जीवन में हर कठिनाइयों से में डट कर लड़ी हूँ !

दिखने में नाजुक हूँ मगर, मैं आत्मविश्वास से पूरी भरी हूँ,
क्यूंकि मैं, अपने पापा के सपनों कि एक नन्ही सी परी हूँ !

अपने पापा के विश्वास को सच करना है मुझे ,
अपनी तय कि गई हर मंजिल को हासिल करना है मुझे,
पीछे मुड़ कर देखना नहीं, सिर्फ आगे कि और बढ़ना है मुझे,
मेरे जीवन का है सिर्फ एक ही सपना --------कि अपने पापा के हर सपने को पूरा करना है मुझे !!!