Saturday, September 22, 2012

साधारण(S) आम(A) प्राणी(P)


Praani



लगती है कानो कानों को प्यारी, मूँ  से निकली मीठी वाणी,
इतिहास बनाता है, करोडों में केवल एक प्राणी!

साधारण से सर्वश्रेषठ  और सर्वश्रेषठ  से सर्वशक्तिमान की रचता नहीं जहाँ में हर कोई कहानी,
बहुत ही कम होतें हैं ऐसे नाम जहां में, जो होते हैं लोगों की जुबानी!

ऐसा ही एक नाम हैं हमारा SAP, जिसकी नीव हैं साधारण(S) आम(A) प्राणी(P).

2 comments:

  1. बेहतरीन पंक्तियाँ लाजवाब रचना कृपया ब्लॉग फोल्लोवर्स का गैजेट लगायें ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी कवितायेँ पढ़ सकें.

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